वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
६ जुलाई, २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा लिव तार ||
( जपुजी साहिब, नितनेम )
प्रसंग:
'चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा लिव तार' का मेरे जीवन में अर्थ क्या है?
अध्यात्म में विधियों का क्या महत्त्व है?
किसी विधि की सीमा को कैसे जानें?
मेरे लिए कौन सी ध्यान विधि उचित है?
संगीत: मिलिंद दाते